सोमवार, 24 मई 2010

मौत ,तू नयी ज़िन्दगी है

मौत ,तू नयी ज़िन्दगी है ,
ग़म है नदारद ,तुझमे अनजानी सनसनी है |
बिन कहे किया है वादा तूने  सबसे आने का , 
एक तू ही  है जो सबके लिए बनी है |
मौत , तू नयी ज़िन्दगी है ||


तुझे जानकर भी बनते हैं अनजान सब ,
चुराते हैं नज़रें ,डरते हैं मानो तू  'मिल जाये कब ' |
पर मैं जानता हूँ ,तू  हर कहीं है  |
मौत ,तू नयी ज़िन्दगी है ||


मुझसे मिलने जब तू आना ,
ना आवाज़ करना ,और ना दरवाज़ा खटखटाना ,
जब मैं अपनी ख़्वाबों की दुनिया में खोया रहूँ ,
तू आना और उसी दुनिया में मुझे ले जाना |||

5 टिप्‍पणियां:

  1. वाह...क्या सटीक बात कही है..मौत...जिंदगी है....बहुत बढ़िया

    टिप्पणी पर से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें....टिप्पणी करने वालों को परेशानी होती है..

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  2. आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद

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  3. मौत जिंदगी है... क्या सोचा है...
    चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है। हिंदी ब्लागिंग को आप और ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है।
    ब्लागिंग के अलावा आप बिना किसी निवेश के घर बैठे रोज 10-15 मिनट में इंटरनेट के जरिए विज्ञापन और खबरें देख कर तथा रोचक क्विज में भाग लेकर ऊपरी आमदनी भी कर सकते हैं। इच्छा हो तो यहां पधारें-
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  4. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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