शहर के पुराने कारागार में ,
कुछ कैदी खड़े थे कतार में |
एक ने सिपाही से पूछा,"क्या मंत्री जी दौरे पर हैं? सुना है मिठाई बंटनी है |"
सिपाही बोला ,"मंत्री जी तो हैं ,पर दौरे पर नहीं ,घोटाले में फंसे हैं ,उनकी सजा यहाँ कटनी है "|
इतना सुनते ही कैदी ख़ुशी से पागल हो गया ,
बोला अब आयेगा जीने का मज़ा |
और जन्नत बन जाएगी मेरी ये दो महीने की सजा |
जिनके लिए मैं जेबें कतरता था ,वो सब सुख मैं अब यहीं पाउँगा ,
दिन भर देखूंगा हिंदी फ़िल्में ,और रात को अंग्रेजी पी के टुन्न हो जाऊंगा |
और बहार जाके क्या मिलेगा मुझे ,
एक बड़ा हाथ मरूँगा और फिर छः महीने के लिए वापस आऊंगा |
सिपाही भी ताव में आ गया और बोला ,
तू क्या समझता है ,तेरी ही ऐश है ?
अरे मेरे बैंक में जो जमा है ,वो सब मंत्री जी का कैश है |
और मन्त्रिवर का मुर्गा लेने मैं ही फाइव स्टार जाता हूँ ,
यहाँ तो एक लाता हूँ ,पहले दो घर भिजवाता हूँ |
अभी हाल ही की बात है ,एक मंत्री धोखाधड़ी में अन्दर आये थे ,
बस उसी हफ्ते मैंने अपने दोनों कमरों में कूलर लगवाए थे |
अब मेरे भी हालात सुधर गए हैं ,मैं भी दान -भीख देता हूँ ,
और नेता जी की मन से सेवा करो ,
नए सिपाहियों को यही सीख देता हूँ |
ye hero tu kya likhta hai be
जवाब देंहटाएंaisa kr ek kitab likh de publish mai krwa dunga pakka
chahe underwear benchni pade
meri b le lena..kavita nhi
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